शिमला में दशहरे पर जाखू मंदिर का सौभाग्य
जाहु मंदिर शहर किसी दर्शन की पेशकश करता है। हर साल दशहरे के दिन, यह मंदिर भक्ति और उत्सव से भर जाता है। लोगों जहाँ आते हैं वे ईश्वर की पूजा करते हैं और मनोकामनाएँ मांगते हैं। यह दिन मंदिर के लिए एक खास website अवसर होता है, जहाँ भगवान का उत्सव मनाया जाता है।
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नेता सुक्खू ने हिमाचल में जाखू मंदिर में दशहरा पर्व पर पूजा अर्चना की
आज को दशहरा पर्व पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने शिमला के प्रसिद्ध जाखू मंदिर में पूजा अर्चना की। उन्होंने भगवान राम की विजय का जश्न मनाया और लोगों को शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने धार्मिक संदेश दिया कि दशहरा पर्व हमें नैतिकता की ओर प्रेरित करता है और बुराई शक्तियों पर विजय प्राप्त करने का आह्वान करता है।
दशहरे के अवसर पर शिमला जाखू मंदिर पहुंचे मुख्यमंत्री सुक्खू
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अब शिमला जाखू मंदिर में पहुंचे। उन्होंने इस अवसर पर भक्तों का सत्कार किया और दशहरे की शुभ उन्नतियां भेजी ।
मंदिर में भक्ति भाव से विधि-विधान से पूजा-अर्चना की । इस दौरान उनके साथ कई गणमान्य व्यक्ति भी थे ।
यह पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है । मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि सभी को मिलकर समाज में सद्भाव और भाईचारा बढ़ाना चाहिए।
शिमला जाखू मंदिर में दशहरा उत्सव का सांस्कृतिक रंग
यह दिन महोत्सव भरपूर रंगों से सजा होता है। शिमला जाखू मंदिर, जहाँ हर साल दशहरा उत्सव का आयोजन बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ किया जाता है। भक्तजन माँ की पूजा-अर्चना करते हुए प्रार्थना प्राप्त करते हैं। नवीनतम वेशभूषा और गीतों के साथ यह उत्सव एक अनोखा सांस्कृतिक रंग प्रस्तुत करता है।
प्रदेश के सुक्खू ने जाखू मंदिर में जलाई दशहरे की धुनी
मुख्यमंत्री सुक्खू ने आज जाखू मंदिर में दशहरे की धुनी जलाकर पर्व का आगाज किया। यह कार्यक्रम भव्यता से आयोजित हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सभी लोगों को दशहरा का शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने कहा कि यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है और हमें सद्भाव का पाठ देकर राष्ट्र को आगे बढ़ाने में मदद करता है।
दशहरा पर शिमला जाखू मंदिर में भक्तों का प्रचुर मात्रा में
दशहर के पवित्र जाखू मंदिर पर शिमला में एक बहुत बड़ा आभा । भक्तों ने सुबह से ही मंदिर का सर्विस किया और देवता की पूजा अर्पित की ।
मंदिर में विशेष जश्न का माहौल था। भक्तों ने कर्मकांड करते हुए भगवान को प्रणाम किया ।